वाह ! गिलहरी क्या कहने !
धारीदार कोट पहने ।
पूंछ बड़ी-सी झबरैली,
काली – पीली – मटमैली ।
डाली – डाली फिरती है ,
नहीं फिसल कर गिरती है ॥
[ चिल्ड्रेन्स बुक ट्रस्ट की ‘नन्हे-मुन्नों के गीत’ से साभार ]
वाह ! गिलहरी क्या कहने !
धारीदार कोट पहने ।
पूंछ बड़ी-सी झबरैली,
काली – पीली – मटमैली ।
डाली – डाली फिरती है ,
नहीं फिसल कर गिरती है ॥
[ चिल्ड्रेन्स बुक ट्रस्ट की ‘नन्हे-मुन्नों के गीत’ से साभार ]
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