कई बार चिट्ठों पर छपी प्रविष्टियों को ‘वर्ड’ (माइक्रोसॉफ़्ट ऑफ़िस वर्ड) पर चेपने , छापने की जरूरत होती है । मामूली सी जानकारियों के अभाव में ‘वर्ड’ पर चिपकाने के बाद आप पाते हैं कि वह देवनागरी लिपि में लिखी हिन्दी के बजाए कोई विचित्र सी लिपि और भाषा प्रकट हो गई है ।
चिट्ठों पर छपी सामग्री ‘यूनिकोड’ आधारित होती है तथा ‘वर्ड’ के पृष्ट पर चेपते वक्त यदि फ़ॉन्ट का चयन सही (यूनिकोड आधारित) नहीं हुआ तब विचित्र अक्षर दिखते हैं।
‘वर्ड’ के दस्तावेज के रूप में चिट्ठे की सामग्री चेपते वक्त ऊपरी बाँए कोने पर सही फॉन्ट चुनें । हिन्दी के चिट्ठों की तरह Mangal एवं Arial Unicode MS भी यूनिकोड आधारित हैं इसलिए इनमें से किसी फॉन्ट को चुनने पर आप ‘विचित्र’ सामग्री नहीं पायेंगे अपितु पठनीय सामग्री पायेंगे ।
‘वर्ड’ का दस्तावेज आप ऑफ़लाइन भी तैयार कर सकते हैं । हिन्दी चिट्ठों की प्रविष्टियों के लिए ‘वर्ड’ पर सामग्री बिना नेट से जुड़े (ऑफ़लाइन) तैयार करनी हो तब भी आप को Mangal अथवा Arial Unicode MS चुनना होगा ।
इन्टरनेट के किसी पृष्ट को बचा कर रखने (save) में कम्प्यूटर का कहीं ज्यादा स्थान जाया होता है ।
शुक्रिया इस जानकारी को देने के लिए ।
shukriya
जानकारी के लिए धन्यवाद।
अछि जानकारी. हमने कोशिश की. आपके ही चिट्ठे के कुछ अंश हमने वर्ड में चिपका दिया. फॉण्ट मंगल रखी. दूसरी वाली तो हमारे system में नहीं दिखती. कोई गडबडी नहीं हुई. सब ठीक दिखने लगा था. लेकिन कुछ हमने गूगल transliteration पर टाइप कर उसे वर्ड में सेव करने का प्रयास किया तो हमें कोई पठनीय सामग्री न मिल कर डब्बे डब्बे बने दिखे.
सुब्रमनियन साहब के अलावा कई मिरों को यह परेशानी होती है और श्री अफलातूनजी के सुझाये तरीके से पहले अगर हमारे प्रिय और एक जमाने के मशहूर ईपण्डित श्रीश का सुझाया यह तरीका अपनाया जाये तो आपको किसी तरह की परेशानी नहीं होगी और आप माइक्रोसोफ्ट वर्ड में भी आसानी से हिन्दी में टाइप कर सकेंगे।
हैक – बरहा, कैफे हिन्दी आदि द्वारा एम एस वर्ड में हिन्दी टाइप करना/type-hindi in ms word using baraha
मित्रों
dhnybaad
बहुत बढ़िया आपके चिठ्ठे की चर्चा समयचक्र में आज
Acchi jaankari di aapne. Magar Subramanyam ji vale anubhav hi mere bhi rahe.
nice blog. really educating one and really interesting. we require many more such materials.
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